राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की एकता और उन्नति के लिए आवश्यक है| —– महात्मा गाँधी
हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है |—- सुमित्रानंदन पन्त
हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है —-स्वामी दयानंद
भारतीय भाषाए नदियाँ हें और हिन्दी महानदी |—– रविन्द्र नाथ ठाकुर